Ancestral Property Distribution : अब पैतृक संपत्ति में अपना हिस्सा कैसे करें अपने नाम जान पूरी जानकारी ! 

Ancestral Property Distribution News : अब पैतृक संपत्ति में अपना हिस्सा कैसे करें अपने नाम जान पूरी जानकारी ! 

भारत में परिवारों में पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद बहुत अधिक से अधिक होता है इन सभी को दूर करने के लिए भारत सरकार ने नए नियम के अनुकूल शरीर को हिस्सा के अधिकारी बनने के लिए नया कानून जारी किया जिसके माध्यम से आप सभी को आसानी तरीका से बिना कोई लड़ाई झगड़ा क्या सभी को संपत्ति अपने नाम हो जाएगा चलिए जानते हैं किस तरह से आप अपने नाम में जमीन जायदाद को कर पाएंगे जिससे कानून एक ऐसा अधिकार है जिसमें सभी को भगधारी बनाने का काम करता है हर व्यक्ति को यह जानना बहुत जरूरी है कि उसका इस पैदिक संपत्ति में कितना हिस्सा बनता है और वह कानूनी तौर पर अपने नाम पर उसे कैसे दर्ज कर सकता है सरकार ने इसके लिए कुछ नियम और प्रतिक्रिया तय की है ! 

पैतृक संपत्ति को बटवारा कैसे करें ?

आप सभी को पटाने के 35 संपत्ति वह होती है जो चार पीढ़ियां तक बिना किसी भी बहन की चलती आती है स्वामित्व केवल एक व्यक्ति का नहीं होता बल्कि उसे कुल खानदान में जितने भी व्यक्ति होते हैं उन सभी को सामान हिस्सा का भागीदारी होते हैं इनमें डाटा पिता पुत्र और पुत्र तक का अधिकार माना जाता है अगर पिता या दादा ने इस भूमि का संपत्ति को व्यक्तित्व खरीदा पहले ही सही किया गया खरीदारी उन सभी को सामान हिस्सा का भागीदारी होगा ! 

कानूनी अधिकार के हिस्सेदारी का निर्धारण कैसे करें ! 

हिंदू उत्तराधिकार कानून 1956 के अनुसार पैतृक संपत्ति के पुत्र और पुत्री दोनों को समान अधिकार है पहले या अधिकार केवल पुरुषों को दिया जाता था लेकिन अब कानून के संशोधन के बाद बेटियों का बराबरी का अपने हिस्सेदारी बन चुकी है विवाह हिस्सा लेना चाहती है तो ले सकती है नियम कानून के अनुसार सामान हिस्सा मिलने का अनुमति कोर्ट द्वारा दिया गया ! 

अपने हिस्से की पुष्टि और नाम दर्ज करने की प्रक्रिया जाने ? 

सबसे पहले व्यक्ति को अपने गांव या नगर निगम भूमि रिकॉर्ड कार्यालय में जाकर संपत्ति का खसरा नंबर या खतौनी और रजिस्ट्री रिकॉर्ड खोलना चाहिए जो कि अब नेम तरीके से सामान तरीके से बहुत जल्द आप लोग या सुविधा दिया जाएगा जिस तरह से आप कर्मचारियों के पास जाएगा उसे तरह से आप लोगों को जल्द से जल्द पूरा डाटा बताने के बाद पूरा रिकॉर्ड आपको निकल जाएगा जहां आप भूमि रिकॉर्ड पोर्टल पर जाकर अपनी संपत्ति का जानकारी भी देख सकते हैं संपत्ति अपने नाम दर्ज करवाने के लिए व्यक्ति को तहसील कार्यालय या उप निबंधन कार्यालय में आवेदन करना होता है वहां एक आवेदन पत्र दस्तावेज जैसे आधार कार्ड संपत्ति का कागजात बारिश प्रमाण पत्र आए और यदि संभव हो तो परिवार के आने से राशि को लेकर सहमति प्रस्तुत करनी होगी ! 

सरकार द्वारा उपलब्ध सहायता योजना को जाने ? 

सरकार ने भूमि और संपत्ति के रिकॉर्ड को प्रदेश बनाने के लिए कई योजना शुरू की इनमें से डीजल भूमि अभिलेख योजना और डिजिटल इंडियन लैंड रिकॉर्ड्स मोनेटाइजेशन प्रोग्राम विशेष रूप से प्रचलित हो गया जानी है इनके जरिए सही राज्यों को में संपत्ति डिजिटल रजिस्टर तैयार किया जा रहा है ताकि नागरिक आसानी से अपने लिए आधिकारिक पुष्टि को जान सके और पूरी रिकॉर्ड का परिणाम कर सके इसके अलावा राष्ट्र सरकार ने पटवारी और तहसील स्तर पर शिकायत निवारण केंद्र की व्यवस्थापि किए हैं जहां संपत्ति से जुड़ा कोई विवाद है नामांकन की अर्जुन आने पर संबंधित आधिकारिक समाधान प्रदान करता है ! 

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