Land Registry Rules 2025 : जमीन रजिस्ट्री के नियमों में बड़ा बदलाव, अब 2 नए कागज के बिना नहीं होगी जमीन की रजिस्ट्री।
भारत में ज्यादातर लोग अपनी कमाई का पैसा जमीन खरीदने में निवेश करते हैं ऐसे में जमीन रजिस्ट्री से जुड़े नए नियम के बारे में सरकार ने जमीन रजिस्ट्री से संबंधित प्रक्रिया में बदलाव किए हैं नए नियम के तहत अब कुछ आवश्यक दस्तावेज के बिना जमीन की रजिस्ट्री नहीं होगी। इन बदलाव का उद्देश्य प्रदर्शित लाना फर्जीवाद को रोकना और आम नागरिकों को उनकी संपत्ति से जुड़ी कानूनी समस्याओं से बचाना है।
भूमि रजिस्ट्री नियमों का उद्देश्य और अर्थ ?
आप सभी को बता दें कि पहले कहीं खाली दस्तावेज या गलत जानकारी से रजिस्ट्री हो जाया करती थी जिससे विवाद बढ़ते थे अब सरकार ने तय किया है कि बिना भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र के कोई भी जमीन रजिस्ट्री नहीं की जाएगी।
इस नए नियम का मकसद दिया सुनिश्चित करना है कि जिस व्यक्ति के नाम जमीन दर्ज है वह कानूनी रूप से उसका मलिक होगा इससे बिचौलियों की भूमिका बेहद कम देखने को मिलेगी और जमीन के लेनदेन में पारदर्शिता बढ़ेगी।
नया नियम किस लिए लागू किया गया ?
सरकार के अनुसार भारत में हर साल हजारों भूमि विवाद केवल इस कारण होते हैं क्योंकि रजिस्ट्री के समय सही समय मित्र जानकारी और प्रमाण नहीं प्रस्तुत किए जाते कहीं राज्यों में जाली कागजातों पर रजिस्ट्री के केस देखने को मिलते हैं
नए नियम में यह प्रावधान किया गया है की रजिस्ट्री के पहले राजस्व विभाग का पूर्ण सत्यापन होगा इसके बाद ही दस्तावेज मान्य माने जाएंगे यह प्रक्रिया डिजिटल माध्यम से भी की जा सकेगी जिससे समय और श्रम दोनों में काफी बचत देखने को मिलेगी
सरकार की योजना और इसका लाभ!
यहां पूरा सुधार रियल स्टेट ट्रांसपेरेंसी मिशन 2025 के अंतर्गत किया गया है जिसके तहत सभी राज्यों के भूमि रिकॉर्ड को पूरी तरह से डिजिटल किया जा रहा है साथ ही सरकार का दावा है कि इस योजना से भूमि संबंधित विवादों में 50% तक की कमी आएगी और आम नागरिकों को संपत्ति पंजीकरण में काफी आसानी देखने को मिलेगी।
इसके अलावा नई व्यवस्था से कृषि भूमि प्लॉट और मकान सभी के रजिस्ट्री स्टेटमेंट किए गए हैं इससे पंजीकरण की गति बढ़ेगी और नकली रजिस्ट्री पर रोक लगेगी।
जनता के लिए प्रमुख फायदे
इस बदलाव के बाद रजिस्ट्री प्रक्रिया अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बनेगी अब खरीदार सुनिश्चित हो सकेंगे कि जिस भूमि की वह रजिस्ट्री करवा रहे हैं उसका मालिक वास्तविक व्यक्ति ही है साथ ही ऑनलाइन सत्यापन से बचोलियों और दलालों की भूमिका घटेगा। डिजिटल दस्तावेजों के इस्तेमाल से न केवल कागजी झंझट कम होंगे बल्कि भविष्य में संपत्ति से जुड़े विवादों का संशोधन भी तेज हो सकेंगे .
निष्कर्ष
भूमि रजिस्ट्री से जुड़े नए नियम नागरिकों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम है. सरकार का उद्देश्य यह साफ है की जमीन सुरक्षा पारदर्शित और कानूनी मजबूती अब बिना सही दस्तावेज की रजिस्ट्री संभव होगी जिससे फर्जी बातों पर अंकुश लगेगा और नागरिकों को अपनी संपत्ति पर पूर्ण अधिकार सुनिश्चित ?